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Saturday, January 22, 2022

श्रीचंद माखीजा

#old_doordarshan_serials 

श्रीचंद मखीजा / Shreechand makhija 
 

जयपुर शहर के जौहररी बाजार में खेलकर बड़े हुए श्रीचंद मखीजा बचपन के उन दिनों को आज भी नहीं भूलते जब उन्होंने अपने स्कूल में नाटक किए। सिंधी पंचायत स्कूल में जब वे छठी क्लास में पढ़ते थे, तब उन्होंने 'भक्त प्रह्लाद' और 'अंधेर नगरी चौपट राजा' नाटकों में अभिनय कर बेस्ट एक्टर का अवार्ड जीता। वे कहते हैं-'बस तभी से अभिनय का कीड़ा लग गया।' 

20 मार्च, 1940 को जन्मे श्रीचंद मखीजा का परिवार विभाजन से एक साल पहले 1946 में ही पाकिस्तान के शिकारपुर (सिंध) से जयपुर आकर बस गया था। जयपुर में सिंध पंचायत स्कूल और पोद्दार स्कूल में पढ़ाई के बाद उन्होंने कॉमर्स कॉलेज से स्नातक किया। कॉलेज में भी नाटकों का सिलसिला चलता रहा जो एजी ऑफिस में नौकरी लग जाने के बाद भी जारी रहा। श्रीचंद मखीजा का जब 1976 में मुंबई तबादला हुआ तो जैसे उन्हें सही मंजिल मिल गई और अभिनय का पूरा समुद्र उनके सामने खुल गया।

श्रीचंद मखीजा को असली पहचान मिली टीवी सीरियल 'नुक्कड़' से। कुंदन लाल शाह के इस सीरियल के पहले सत्र के सभी 40 एपिसोड में माखीजा ने चौरसिया पान वाले का रोल किया, जिसमें वे बिहारी भाषा में रोचक संवाद बोलते हैं। उस दौर में वे मुंबई की गलियों में निकल जाते तो लोग उन्हें 'चौरसिया पान वाला' कहकर आवाज लगाते थे। इस सीरियल से वे घर-घर में पहुंच गए।

इसके अलावा उन्होंने 'इंतजार', 'तमस', 'भारत एक खोज', 'मुजरिम हाजिर', 'हम पांच', 'सीआईडी' जैसे अनेक लोकप्रिय टीवी सीरियल्स में काम किया। 'नुक्कड़' के बाद 'नया नुक्कड़' के नाम से दूसरे सत्र के सीरियल में भी उन्होंने काम किया।

 खास बात यह कि श्रीचंद मखीजा 77 वर्ष की उम्र मे भी अभिनय के प्रति उनका प्रेम अद्भुत है। उनका अनुसार  'अभिनय में इन्हे स्वर्गिक आनंद मिलता 

चर्चित टीवी सीरियल 'नुक्कड़' में चौरसिया पान वाला बनने से पहले श्रीचंद मखीजा ने काफी तैयारी की थी। सीरियल के निर्देशक कुंदन लाल शाह ने उनसे कहा था-'आप तो सिंधी हैं। इसमें आपको बिहारी में संवाद बोलने पड़ेंगे। आप बोल लेंगे?' उन्होंने कहा-'हां, बोल लूंगा।'

 इसके बाद मखीजा जुहू में एक पान की दुकान पर जाते और पान वाले की बातचीत को ध्यान से सुनते। कई दिनों तक यह सिलसिला चला। इसके बाद संवाद अदायगी से उन्होंने दर्शकों का दिल जीत लिया।

सीरियल के एक दृश्य में बताया जाता है कि 'अमिताभ बच्चन' के 'खाइके पान बनारस वाला' गीत चर्चित होने के बाद चौरसिया पान वाला अपनी दुकान से 'राजेश खन्ना' की तस्वीर हटाकर अमिताभ बच्चन की लगा देता है। इससे मोहल्ले का खोपड़चंद नाराज होता है। तब मखीजा का ये संवाद काफी चर्चित हुआ था-'ई ले खोपड़चंद, हम तुम्हार राजेश खन्ना पर चूना लगाय दिए हैं और अफने अमिताभ की फोटो इहां अपनी दुकनिया पर लगाय दिए हैं। कर ले का करत है तू।' दरअसल, यह राजेश खन्ना की विदाई और अमिताभ बच्चन की एंट्री का दौर था.....💖💖💖💖

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