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Wednesday, November 24, 2021

गुलशन बावरा

◆फिल्म में पहला गीत लिखने से पहले करना पड़ा संघर्ष

जब गुलशन बावरा का मन क्लर्क की नौकरी में लगा ही नहीं तो वे बॉलीवुड में गीतकार के रूप में खुद को स्थापित करने के​ लिए आ गये। फिल्म जगत में शुरुआत में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था। वे छोटे बजट की फिल्मों में काम करने को विवश थे। सिनेमा जगत में उनको पहला अवसर वर्ष 1959 में फिल्म ‘चंद्रसेना’ में मिला, जिसके लिए उन्होंने पहला गीत लिखा। हालांकि, उनके पहले गाने को खास कामयाबी नहीं मिली।

●कल्याणजी और आनंदजी से मुलाकत ने बदली किस्मत

फिल्मी कॅरियर के उतार-चढ़ाव के दौरान गुलशन बावरा की मुलाकात प्रसिद्ध संगीतकार जोड़ी कल्याण जी और आनंद जी से हुई। उनके संगीत निर्देशन में गुलशन ने फिल्म ‘सट्टा बाजार’ के लिये- ‘तुम्हें याद होगा कभी हम मिले थे’ गीत लिखा, जिसे सुनकर फिल्म के वितरक शांतिभाई पटेल काफी खुश हुए। दबे जी को उनके द्वारा लिख इस गीत पर विश्वास नहीं हुआ कि इतनी छोटी सी उम्र में कोई व्यक्ति इतना डूबकर लिख सकता है। फिर क्या था शांतिभाई ने ही उनको ‘बावरा’ के उपनाम से पुकारना शुरू कर दिया और पूरी फिल्म इंडस्ट्री उन्हें गुलशन मेहता के बजाय गुलशन बावरा के नाम से पुकारने लगी।

लगभग आठ वर्षों तक गुलशन बावरा को मायानगरी में संघर्ष करना पड़ा था। आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उनको संगीतकार जोड़ी कल्याणजी-आनंदजी के संगीत निर्देशन में निर्माता-निर्देशक मनोज कुमार की फिल्म ‘उपकार’ में गीत लिखने का मौका मिला। जब उन्होंने गीत ‘मेरे देश की धरती सोना उगले…’ गाकर सुनाया तो मनोज  ने बहुत पंसद किया और इसके बाद गुलशन बावरा ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

◆कई फिल्मों में अभिनय भी किया था 
बावरा ने

वर्ष 1969 में फिल्म ‘विश्वास’ के लिए उन्होंने ‘चांदी की दीवार न तोड़ी..’ जैसे भावपूर्ण गीत लिखकर बता दिया कि वे किसी भी प्रकार के गीत लिख सकते हैं। बावरा जी ने कल्याणजी-आनंदजी के संगीत निर्देशन में 69 गीत लिखे, वहीं आर. डी. बर्मन के साथ 150 गीत लिखे थे। उन्होंने फिल्म ‘सनम तेरी कसम’, ‘अगर तुम न होते’, ‘सत्ते पे सत्ता’, ‘यह वादा रहा’, ‘हाथ की सफाई’ और ‘रफू चक्कर’ को अपने गीतों से सजाया था। यही नहीं अपनी बहुमुखी प्रतिभा के कारण उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में भी हाथ आजमाया और कई फिल्मों में एक्टिंग भी की। इनमें फिल्म ‘उपकार’, ‘विश्वास’, ‘जंजीर’, ‘पवित्र पापी’, ‘अगर तुम ना होते’, ‘बेईमान’, ‘बीवी हो तो ऐसी’ आदि प्रमुख हैं। इसके अलावा उन्होंने फिल्म ‘पुकार’ और ‘सत्ते पे सत्ता’ के लिए पार्श्व गायन किया।

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